गुज़र रहा वक़्त सभी वक़्त पर है गुज़र जाने दे वक़्त सभी वक़्त का. गुज़र रहा वक़्त सभी वक़्त पर है गुज़र जाने दे वक़्त सभी वक़्त का.
बैठती हूँ एक कोठरी में लेकर कागज़ कलम, लिखती हूँ, मिटाती हूँ, कुछ सच, कुछ वहम। बैठती हूँ एक कोठरी में लेकर कागज़ कलम, लिखती हूँ, मिटाती हूँ, कुछ सच, कुछ वहम।
ज़िन्दगी के नकारात्मक पहलू हार मानने लगे हैं मेरे जबरे पन से डर कर अपनी आँख चुराने लगे ज़िन्दगी के नकारात्मक पहलू हार मानने लगे हैं मेरे जबरे पन से डर कर अपनी आँख च...
गौरव गाएँगे इस भू का ये भू है महादानी रे रगों में इसकी दौड़ रहा है बुंदेलों का पानी। गौरव गाएँगे इस भू का ये भू है महादानी रे रगों में इसकी दौड़ रहा है बुंदेलों ...
घर की देहरी भी उनके आने की बाट जोहने लगी, उस इंतजार की घड़ी की रवानी वो अजीब थी। घर की देहरी भी उनके आने की बाट जोहने लगी, उस इंतजार की घड़ी की रवानी वो अजीब ...
हिन्दुस्तानी ही करते हैं , हिन्दी कहने में आनाकानी। हिन्दुस्तानी ही करते हैं , हिन्दी कहने में आनाकानी।